हाल ही में हुए Pahalgam Terrorist Attack ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जम्मू कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी घटनाएं और सीमा पार से मिल रहे समर्थन के संकेत एक बार फिर भारत पाकिस्तान के बीच पुराने विवादों को सतह पर ले आए हैं। इसी दौरान पाकिस्तान ने भारत के साथ किए गए ऐतिहासिक शिमला समझौते को सस्पेंड करने की घोषणा कर दी। यह कदम ऐसे समय पर आया है जब सिंधु जल समझौते को लेकर भारत ने सख्त रुख अपनाया है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि Pahalgam Terrorist Attack का इस पूरे घटनाक्रम से क्या संबंध है, पाकिस्तान ने शिमला समझौते को क्यों सस्पेंड किया, सिंधु जल समझौते की क्या अहमियत है और इन सब घटनाओं से भारत पाकिस्तान के रिश्तों पर क्या असर पड़ सकता है। BestPrimeNews
Pahalgam Terrorist Attack ने खोली पाकिस्तान की पोल
Pahalgam के शांतिपूर्ण इलाके में जब यह आतंकवादी हमला हुआ, तो पूरे देश का ध्यान एक बार फिर कश्मीर की ओर गया। यह हमला न सिर्फ आम नागरिकों के जीवन को प्रभावित करता है बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को भी चिंता में डालता है। सूत्रों की मानें तो इस हमले के पीछे विदेशी आतंकवादी संगठन का हाथ है जिसे सीमा पार से समर्थन मिल रहा था।
यह Pahalgam Terrorist Attack कोई सामान्य घटना नहीं थी। यह एक सोची समझी साजिश थी जिससे भारत को उकसाया जा सके और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान खुद को पीड़ित के रूप में पेश कर सके। लेकिन भारत की सतर्कता और सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता ने इन मंसूबों को नाकाम कर दिया।
भारत सरकार ने आधी रात को दिल्ली में पाकिस्तान के राजदूत को तलब किया है। उन्हें भारत सरकार के निर्णय से अवगत कराया गया है। भारत के सख्त स्टैंड को देखते हुए पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने अहम बैठक बुलाई है. Pahalgam Terrorist Attack उधर, इस वक्त सेना और सुरक्षा एजेंसियां 1,500 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर जम्मू-कश्मीर में पूछताछ कर रही हैं.
सिंधु जल समझौता क्या है और इसका विवाद क्यों बढ़ा
सिंधु जल समझौता वर्ष 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। इस समझौते के अंतर्गत भारत और पाकिस्तान ने सिंधु नदी प्रणाली के पानी का बंटवारा किया था। भारत को पूर्वी नदियों और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों का अधिकार मिला था। लेकिन समय के साथ पाकिस्तान ने कई बार भारत पर इस समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
हाल ही में भारत ने सिंधु जल समझौते की समीक्षा करने का संकेत दिया। इसका मुख्य कारण पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रही आतंकी गतिविधियों को रोकने में असफलता है। भारत ने कहा कि जब पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ Pahalgam Terrorist Attack कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा तो ऐसे में जल वितरण पर पुनर्विचार करना जरूरी हो गया है।
पाकिस्तान का जवाब शिमला समझौते को सस्पेंड करना
भारत के इस रुख के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ 1972 में किए गए शिमला समझौते को सस्पेंड करने की घोषणा कर दी। शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बाद एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक समझौता था Pahalgam Terrorist Attack जिसमें दोनों देश यह मानते थे कि सभी मुद्दे आपसी बातचीत से सुलझाए जाएंगे।
इस समझौते को सस्पेंड करना पाकिस्तान का एक कूटनीतिक जवाब माना जा रहा है जिससे वह दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि भारत के साथ बातचीत का रास्ता अब बंद हो चुका है। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो यह कदम पाकिस्तान के लिए खुद नुकसानदायक साबित हो सकता है क्योंकि इससे उसकी कूटनीतिक साख को ठेस पहुंचती है।
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह को अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हम इसकी निंदा करते हैं और इस सदमे से पीड़ित लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. हमारे मेहमान छुट्टियां मनाने के लिए बाहर से आए थे. दुर्भाग्य से, उन्हें ताबूत में घर वापस भेज दिया गया है. जैसा कि मैंने सुना है, आदिल ने हमले को रोकने की कोशिश की और शायद बंदूक छीनने की भी कोशिश की, Pahalgam Terrorist Attack और तभी उसे निशाना बनाया गया. हमें इस परिवार का ख्याल रखना है.
Pahalgam Terrorist Attack के पीछे की साजिश
यह हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं थी। इसकी टाइमिंग, जगह और तरीका यह सब दर्शाते हैं कि इसे बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था। इस हमले का मकसद भारत को उकसाना और कश्मीर में अशांति फैलाना था। लेकिन सुरक्षा बलों की तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया।
Pahalgam Terrorist Attack के बाद भारत ने कड़े सुर में पाकिस्तान को चेतावनी दी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद को समर्थन देने के मुद्दे को उठाने का निर्णय लिया। इसके बाद से ही पाकिस्तान पर दबाव बढ़ने लगा और शायद इसी दबाव से बचने के लिए उसने शिमला समझौते को सस्पेंड करने का नाटक किया।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने पाकिस्तान के इस कदम को गंभीरता से लिया है लेकिन शांत और कूटनीतिक तरीके से इसका जवाब दिया है। भारत ने साफ किया कि वह सिंधु जल समझौते की समीक्षा जारी रखेगा और आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करेगा। भारत ने यह भी कहा कि शिमला समझौता पाकिस्तान की भी जिम्मेदारी है और इसे सस्पेंड करना एकतरफा कदम है जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है।
Pahalgam Terrorist Attack के बाद भारत ने सुरक्षा बढ़ा दी है और सीमाओं पर सख्ती कर दी गई है। सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद का कोई समर्थन नहीं किया जाएगा और देश की एकता से कोई भी समझौता नहीं होगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
विश्व समुदाय ने भी Pahalgam Terrorist Attack की निंदा की है और भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को सही ठहराया है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य प्रमुख देशों ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की सलाह दी है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस हमले की जांच की मांग की है।
शिमला समझौते को सस्पेंड करने का पाकिस्तान का कदम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का शिकार हो रहा है क्योंकि यह एक ऐसे समझौते को तोड़ने की कोशिश है जो वर्षों से दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने का आधार रहा है।
भविष्य की दिशा
अब जब Pahalgam Terrorist Attack के बाद भारत ने अपने रुख को स्पष्ट कर दिया है और पाकिस्तान ने भी शिमला समझौते को सस्पेंड कर दिया है तो आने वाले समय में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। भारत को अब ज्यादा सतर्क रहना होगा और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी।
भारत को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सिंधु जल समझौते की समीक्षा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अंतर्गत की जाए और पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा जाए।
उधर, कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा ने एक विवादित बयान दिया है. इतने बड़े आतंकी हमले पर भी वो माइनॉरिटी पॉलिटिक्स करने में लगे हैं. इस वक्त गृह मंत्री अमित शाह पहलगाम में हैं और घटना में मारे गए लोगों के परिजनों से मिल रहे हैं. वो अस्पताल में घायलों से भी मिले. पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम छह बजे नई दिल्ली में कैबिनेट की बैठक करने जा रहे हैं. इस दौरान सभी केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे. प्रधानमंत्री पाकिस्तान की नापाक हरकत का जवाब देने की योजना बना रहे हैं.
निष्कर्ष
Pahalgam Terrorist Attack न सिर्फ एक आतंकी हमला था बल्कि यह एक बड़ा संकेत था कि भारत की सुरक्षा को चुनौती दी जा रही है। पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौते को सस्पेंड करना और सिंधु जल विवाद को लेकर उठाया गया विवाद दोनों ही इस बात की पुष्टि करते हैं कि क्षेत्र में हालात गंभीर होते जा रहे हैं।
अब समय आ गया है कि भारत एक मजबूत और स्पष्ट नीति अपनाए जो न सिर्फ आतंकी ताकतों को करारा जवाब दे बल्कि पाकिस्तान को भी यह संदेश दे कि भारत अब पुराने नियमों में बंधकर नहीं चलेगा। BestPrimeNews